शाहजहाँपुर में मासूम की जान पर बन आई: निर्दयी माँ और रिश्तेदारों की करतूत, मजदूरों ने बचाई बच्ची

 

 

शाहजहाँपुर से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जो मानवता को शर्मसार करती है। एक माँ ने अपनी नवजात बेटी को, जो महज दो दिन की थी, सुनसान इलाके में गड्ढे में दफनाने की कोशिश की। इस घृणित कृत्य में उसकी नानी और दादी भी शामिल थीं। लेकिन, नियति को कुछ और मंजूर था। पास में काम कर रहे मजदूरों की सजगता ने इस मासूम की जान बचा ली।

 

यह हृदयविदारक घटना शहर के सदर बाजार क्षेत्र में नगर निगम के निर्माणाधीन कार्यालय के पास घटी। बताया जाता है कि बच्ची का जन्म राजकीय मेडिकल कॉलेज में हुआ था। जन्म के समय बच्ची का होंठ कटा हुआ था, जिसके कारण परिवार ने उसे बोझ समझा। सोमवार को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद माँ घर तो लौटी, लेकिन बच्ची को उसकी नानी और दादी लेकर एक सुनसान जगह पर पहुंचीं। वहाँ उन्होंने बच्ची को गड्ढे में डालकर मिट्टी से दबाने की कोशिश की और वहाँ से चली गईं।

 

लेकिन, किस्मत ने बच्ची का साथ दिया। निर्माण स्थल पर काम कर रहे मजदूरों ने इस घटना को देख लिया। कुछ ही देर बाद जब उन्हें गड्ढे से बच्ची के रोने की आवाज़ सुनाई दी, तो वे दौड़कर मौके पर पहुंचे। गड्ढे में मासूम को मिट्टी में दबा हुआ देखकर उनके होश उड़ गए। मजदूरों ने तुरंत पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने बच्ची को गड्ढे से निकालकर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया, जहाँ उसका इलाज चल रहा है।

 

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि बच्ची का होंठ कटा हुआ था, जिसके कारण उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। लेकिन समय पर इलाज शुरू होने से अब उसकी हालत स्थिर है। डॉक्टरों ने बच्ची को आगे के इलाज के लिए लखनऊ रेफर किया था, लेकिन परिजनों ने इस सलाह को नजरअंदाज कर इस क्रूर कदम को चुना।

 

पुलिस इंस्पेक्टर अश्वनी सिंह ने बताया कि बच्ची के माता-पिता की पहचान कर ली गई है। माँ सदर बाजार क्षेत्र के एक मोहल्ले की रहने वाली है, और पिता मजदूरी करता है। यह उनकी दूसरी बेटी थी। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, और चाइल्डलाइन व सीडब्ल्यूसी की टीमें भी इसकी तहकीकात में जुटी हैं। परिजन अब माफी मांग रहे हैं, लेकिन इस शर्मनाक घटना ने समाज के सामने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

 

यह घटना न केवल एक परिवार की संवेदनहीनता को उजागर करती है, बल्कि समाज में बेटियों के प्रति गहरी जड़ें जमाए बैठे पूर्वाग्रहों को भी सामने लाती है। सवाल यह है कि आखिर कब तक मासूम बेटियाँ ऐसी क्रूरता का शिकार होती रहेंगी? पुलिस ने सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है, और इस मामले में आगे की जांच जारी है।

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