पाकिस्तान (Pakistan) द्वारा ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) में विफलता के बाद चीन अब खुले तौर पर उसे सैन्य सहायता देने के लिए सामने आ गया है। ताजा जानकारी के मुताबिक, चीन पाकिस्तान को अपना सबसे घातक अटैक हेलीकॉप्टर (Helicopter) Z-10E देने की तैयारी में है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत की बढ़ती सैन्य ताकत और हालिया ऑपरेशन में पाकिस्तान की कमजोरी से उपजे दबाव का नतीजा है।
Z-10E चीन का एडवांस्ड अटैक हेलीकॉप्टर है, जिसे भारतीय सेना के अपाचे AH-64E के मुकाबले लाने की कोशिश की जा रही है। यह हेलीकॉप्टर टैंक-विरोधी मिशनों, ग्राउंड सपोर्ट और सीमावर्ती इलाकों में त्वरित हमला करने की क्षमता रखता है। इसमें आधुनिक एवियोनिक्स, नाइट विज़न और मिसाइल लॉन्चिंग सिस्टम लगे हैं।
Z-10E की तकनीकी क्षमताएं
दो टर्बोशाफ्ट इंजन से लैस यह हेलीकॉप्टर उच्च ऊंचाई वाले इलाकों में भी संचालन में सक्षम है।
इसमें 23 मिमी की तोप, एंटी-टैंक मिसाइलें, रॉकेट पॉड्स और एयर-टू-एयर मिसाइलें फिट की जा सकती हैं।
हेलीकॉप्टर में आधुनिक फ्लाइ-बाय-वायर कंट्रोल सिस्टम, हेलमेट माउंटेड साइट और रडार वार्निंग रिसीवर लगे हैं।
यह हेलीकॉप्टर सीमित स्टेल्थ क्षमताओं के साथ आता है जिससे इसे ट्रैक करना कठिन हो सकता है।
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भारत की संभावित प्रतिक्रिया
भारतीय सेना इस स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है। भारत के पास पहले से ही अमेरिकी अपाचे AH-64E हेलीकॉप्टरों का बेड़ा है, जिसे दुनिया के सबसे घातक अटैक हेलीकॉप्टरों में गिना जाता है।
रक्षा सूत्रों के अनुसार
भारत अपाचे के अतिरिक्त यूनिट्स खरीदने की योजना पर विचार कर रहा है।
लद्दाख और राजस्थान जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में हेलीकॉप्टर आधारित तैनाती को और मजबूत किया जा सकता है।
स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH) ‘प्रचंड’ को भी सीमाओं पर अधिक संख्या में तैनात किया जा सकता है।
ड्रोन और एयर डिफेंस सिस्टम की तैनाती पर भी रणनीतिक रूप से काम चल रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि चीन और पाकिस्तान के बढ़ते सैन्य गठजोड़ का जवाब भारत बहुस्तरीय रणनीति से देगा — जिसमें तकनीकी श्रेष्ठता, सामरिक तैनाती और तेज़ी से प्रतिक्रिया देने की क्षमता शामिल होगी।