कर्नाटक की सियासत में इन दिनों तूफान मचा हुआ है। बीजेपी के एक एमएलसी एन रविकुमार ने IAS अधिकारी फौजिया तरन्नुम (Fauzia Tarannum) पर विवादित टिप्पणी कर दी, उन्हें ‘पाकिस्तानी’ तक कह डाला। इस बयान ने न सिर्फ सियासी गलियारों में हलचल मचाई, बल्कि IAS एसोसिएशन को भी मैदान में उतरने को मजबूर कर दिया। फौजिया, जो कलबुर्गी की डिप्टी कमिश्नर (डीसी) के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रही हैं, इस बयान के बाद से चर्चा का केंद्र बन गई हैं। लेकिन आखिर कौन हैं फौजिया तरन्नुम, जिनकी मेहनत और काबिलियत की गूंज राष्ट्रपति भवन तक पहुंची?
फौजिया तरन्नुम: मेहनत की मिसाल, सपनों की उड़ान
2 अप्रैल 1992 को बेंगलुरु में जन्मी फौजिया तरन्नुम की कहानी किसी बॉलीवुड मूवी से कम नहीं। बेंगलुरु की गलियों से निकलकर यूपीएससी की मंजिल तक पहुंचने वाली इस शख्सियत ने अपने दम पर इतिहास रचा है। बिशप कॉटन गर्ल्स हाईस्कूल में शुरुआती पढ़ाई के बाद, फौजिया ने ज्योति निवास कॉलेज से बीकॉम में न सिर्फ डिग्री हासिल की, बल्कि पूरे विश्वविद्यालय में पांचवां स्थान भी पाया। फिर क्राइस्ट कॉलेज, बेंगलुरु से फाइनेंस में MBA किया और गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया। इतना ही नहीं, उनके पास सस्टेनेबल डेवलपमेंट में डिप्लोमा भी है जो उनकी दूरदर्शिता को दर्शाता है।
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TCS से UPSC तक: एक जुनूनी सफर
फौजिया ने अपने करियर की शुरुआत TCS में एनालिस्ट के तौर पर की, लेकिन उनका दिल तो कुछ और ही चाहता था। 2010 में नौकरी छोड़कर उन्होंने यूपीएससी की राह पकड़ी। 2011 में पहली बार में ही सिविल सर्विसेज एग्जाम क्रैक किया और 307वीं रैंक के साथ IRS (इंडियन रेवेन्यू सर्विस) में जगह बनाई। लेकिन फौजिया का सपना इससे बड़ा था। अगले साल फिर कोशिश की, मगर रैंक में सुधार नहीं हुआ। हार नहीं मानी, नागपुर में ट्रेनिंग ली और फिर 2014 में वह कमाल कर दिखाया जो हर यूपीएससी अभ्यर्थी का सपना होता है। ऑल इंडिया 31वीं रैंक के साथ फौजिया IAS बन गईं।
IAS फौजिया: साफ छवि, बड़ा सम्मान
कलबुर्गी में डिप्टी कमिश्नर के तौर पर फौजिया ने अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया। उनकी साफ-सुथरी छवि और समर्पण ने उन्हें न सिर्फ सहकर्मियों, बल्कि आम लोगों के बीच भी लोकप्रिय बनाया। इस साल जनवरी में तो उनकी मेहनत को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी सलाम किया, जब उन्हें लोक प्रशासन में उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया। यह सम्मान पाने वाली वह 22 चुनिंदा अधिकारियों में से एक थीं। फौजिया का कहना है, “IRS और IAS की जिम्मेदारियों में बड़ा फर्क है। IAS बनने का सपना परिवार के समर्थन और मेरी जिद ने पूरा किया।”
विवाद का तूफान: बीजेपी नेता का बयान
बीजेपी एमएलसी एन रविकुमार ने एक रैली में फौजिया पर निशाना साधते हुए कहा, “कलबुर्गी डीसी कांग्रेस के इशारों पर काम कर रही हैं। मुझे नहीं पता कि वह पाकिस्तान से आई हैं या भारत की IAS हैं।” इस बयान ने सियासी आग लगा दी। IAS एसोसिएशन ने इसे निंदनीय बताया और फौजिया की साफ छवि का समर्थन किया। बीजेपी नेता के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हो चुका है और यह मामला अब गरमाता जा रहा है।