EKYC : उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में एक ऐसा राशन घोटाला सामने आया है, जिसने सबको हैरान कर दिया। यहां न सिर्फ जिंदा लोग, बल्कि मृतकों के नाम पर भी सरकारी राशन की लूट मची थी। चौंकाने वाली बात ये है कि करीब 13,000 मृतकों के नाम राशन कार्ड लिस्ट में शामिल थे और उनके हिस्से का राशन भी उठाया जा रहा था।
EKYC ने खोली पोल
यह सनसनीखेज खुलासा तब हुआ, जब राशन कार्ड धारकों की EKYC (इलेक्ट्रॉनिक नो योर कस्टमर) प्रक्रिया शुरू की गई। जांच में पता चला कि जिले में 13,294 मृतकों के नाम लाभार्थियों की सूची में थे, जिनमें ग्रामीण इलाकों के 12,858 और शहरी क्षेत्रों के 436 लोग शामिल थे। इसके बाद राशन कार्ड मैनेजमेंट सिस्टम ने इन सभी मृतकों के नाम सूची से हटा दिए।
कोविड के बाद शुरू हुई थी मुफ्त राशन योजना
कोविड-19 महामारी के बाद देशभर में मुफ्त राशन योजना शुरू की गई थी, जिसके तहत पात्र लाभार्थियों को सस्ते गल्ले की दुकानों से मुफ्त राशन दिया जाता है। लेकिन इस योजना का फायदा कई अपात्र लोग भी उठा रहे थे। इसे रोकने के लिए सरकार ने EKYC को अनिवार्य किया और इसकी अंतिम तारीख 31 मार्च तय की थी। हालांकि, समय पर प्रक्रिया पूरी न होने के कारण अब इसे 30 जून तक बढ़ा दिया गया है।
कितने लोग प्रभावित?
गाजीपुर में कुल 6,35,446 राशन कार्ड धारक हैं, जिनमें लगभग 27 लाख 86 हजार लाभार्थी शामिल हैं। इनमें 59,537 अंत्योदय कार्ड धारकों के 2,04,615 और 5,75,909 पात्र गृहस्थी कार्ड धारकों के 25,81,628 लाभार्थी हैं। अब तक 82% लाभार्थियों की EKYC हो चुकी है, लेकिन अभी भी कई लोगों का काम बाकी है।
जिला पूर्ति अधिकारी की अपील
जिला पूर्ति अधिकारी ने सभी राशन कार्ड धारकों से अपील की है कि वे 30 जून से पहले अपनी और अपने परिवार की EKYC जरूर करा लें। साथ ही, अगर परिवार में किसी सदस्य की मृत्यु हो चुकी है, तो उसका नाम लिस्ट से हटवाने के लिए विभाग को सूचित करें।