उत्तर प्रदेश में शिक्षा विभाग की नई स्कूल मर्जर नीति को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने योगी (Yogi) सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि यह नीति ग्रामीण बच्चों की शिक्षा के अधिकार पर सीधा हमला है और सरकार शिक्षा के बजट में कटौती को छिपाने के लिए स्कूलों को जबरन मिला रही है।
अखिलेश यादव ने कहा, “सरकार को गरीब बच्चों की परवाह नहीं है। स्कूल मर्जर से छात्रों को दूर-दराज के स्कूलों में भेजा जा रहा है, जो न तो व्यावहारिक है और न ही सुरक्षित। ये बच्चों को शिक्षा से दूर करने की साजिश है।”
आदरणीय समस्त शिक्षक समुदाय
एक शिक्षक का बेटा होने के नाते हर शिक्षक से मेरा पारिवारिक संबंध है और उनका दर्द मेरा दर्द है।
– स्कूल मर्जर के कारण शिक्षकों की संख्या और भी घट जाएगी। गाँवों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट नहीं होने से व असुरक्षा की वजह से मर्जर के बाद बच्चियाँ दूर के… pic.twitter.com/Mn4B50UfDJ
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) June 20, 2025
पूर्व मुख्यमंत्री ने शिक्षकों की डिजिटल अटेंडेंस प्रणाली को भी कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को रोज मोबाइल से उपस्थिति दर्ज करानी पड़ रही है, जिससे वे पढ़ाने के बजाय तकनीकी समस्याओं में उलझ रहे हैं। “सरकार तकनीक के नाम पर शिक्षकों का अपमान कर रही है,” उन्होंने कहा।
योगी के ‘D-कंपनी’ बयान पर पलटवार
हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष को ‘D-कंपनी’ कहकर तंज कसा था, जिस पर अखिलेश यादव ने जवाबी हमला करते हुए कहा, “BJP खुद ‘डर, दहशत और दमन’ की कंपनी बन गई है। जनता अब असली D-कंपनी को पहचान चुकी है।”
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राजनीतिक माहौल गर्म
चुनाव नजदीक आने के साथ ही उत्तर प्रदेश में शिक्षा जैसे मुद्दों पर सियासत गरमा रही है। अखिलेश यादव लगातार प्रदेश सरकार की नीतियों पर सवाल उठा रहे हैं और जनसभाओं में इसे मुद्दा बनाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। वहीं योगी सरकार इन नीतियों को शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने वाला कदम बता रही है।
स्कूल मर्जर से लेकर डिजिटल अटेंडेंस और ‘D-कंपनी’ बयान तक, अखिलेश यादव ने योगी सरकार को कई मोर्चों पर घेरा है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि इन आरोप-प्रत्यारोपों का असर राज्य की राजनीति और खासकर शिक्षानीति पर कितना पड़ता है।