सपा से निष्कासित MLA Manoj Pandey दे सकते हैं इस्तीफा, राजनीतिक हलचल तेज

उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है क्योंकि समाजवादी पार्टी (सपा) से निष्कासित विधायक मनोज पांडेय (MLA Manoj Pandey) के जल्द इस्तीफा देने की अटकलें तेज हो गई हैं। सूत्रों के अनुसार, पांडेय पार्टी से अपने निलंबन के बाद से ही लगातार पार्टी नेतृत्व से नाराज़ चल रहे हैं और उन्होंने अपने निकटतम समर्थकों से इस्तीफे की चर्चा भी की है।

मनोज पांडेय, जो रायबरेली की ऊंचाहार सीट से सपा विधायक हैं, को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते बीते सप्ताह पार्टी से बाहर कर दिया गया था। माना जा रहा है कि उन्होंने पार्टी की आधिकारिक लाइन से हटकर कुछ सार्वजनिक बयान दिए थे और हाल ही में एक विपक्षी दल के कार्यक्रम में भी देखे गए थे।

मनोज पांडेय का सपा में लंबे समय से अच्छा प्रभाव रहा है और वे कई बार संगठनात्मक जिम्मेदारियां भी निभा चुके हैं। उनके इस्तीफे की स्थिति में विधानसभा में समीकरण प्रभावित हो सकते हैं। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उनका अगला कदम भाजपा में शामिल होने का हो सकता है, हालांकि इस पर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

Also Read – सपा के 3 बागियों पर गिरी गाज, ये Akhilesh Yadav का मास्टरस्ट्रोक है या मजबूरी

दारा सिंह चौहान ने भी यही किया था

राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले आठ विधायकों में से पांडेय अब तक भाजपा की सदस्यता लेने वाले एकमात्र विधायक हैं। पूर्व में चार बार विधायक रह चुके पांडेय सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री और पार्टी के मुख्य सचेतक रह चुके हैं। दल-बदल कानून से मुक्त होने के बावजूद वे इस्तीफा देकर उपचुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। भाजपा के रणनीतिकार नहीं चाहते कि सपा के टिकट पर जीतने वाले विधायक को सीधे महत्वपूर्ण पद देकर गलत संदेश जाए, इसलिए इस्तीफे की रणनीति अपनाई जा रही है। इससे पहले दारा सिंह चौहान ने भी यही रास्ता अपनाया था।

सपा की प्रतिक्रिया

पार्टी सूत्रों के अनुसार, मनोज पांडेय को पहले भी कई बार चेतावनी दी गई थी, लेकिन उन्होंने पार्टी की नीतियों के विरुद्ध गतिविधियाँ जारी रखीं। पार्टी फिलहाल उनके इस्तीफे या किसी अन्य कदम पर सार्वजनिक बयान देने से बच रही है।

मनोज पांडेय के संभावित इस्तीफे ने राज्य की राजनीति में एक बार फिर उबाल ला दिया है। उनके अगले राजनीतिक कदम पर सभी की निगाहें टिकी हैं, जो भविष्य की राजनीतिक गठजोड़ और समीकरणों को प्रभावित कर सकते हैं।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *