Lok Sabha Election 2024: पीएम मोदी-राहुल गांधी को इस भाषण पर मिला चुनाव आयोग का नोटिस
आज बीजेपी अध्यक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे राइफल में हेट स्पीच को लेकर चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब देंगे। मध्य प्रदेश चुनाव आयोग की ओर से की गई कार्रवाई के बाद कांग्रेस और बीजेपी की ओर से 25 अप्रैल को दोनों समर्थकों को नोटिस जारी किया गया था।
आज बीजेपी अध्यक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे राइफल में हेट स्पीच को लेकर चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब देंगे। मध्य प्रदेश चुनाव आयोग की ओर से की गई कार्रवाई के बाद कांग्रेस और बीजेपी की ओर से 25 अप्रैल को दोनों समर्थकों को नोटिस जारी किया गया था।
रैली के दौरान पीएम मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से हेट स्पीच का मामला सामने आया था। यह पहली बार है कि चुनाव आयोग ने भाषण देने वाले व्यक्ति को नहीं, बल्कि पार्टी अध्यक्ष को नोटिस जारी किया है। चुनाव आयोग ने सामुदायिक अधिनियम 1951 की धारा 77 के तहत अधिसूचना जारी की है। चुनाव आयोग ने माना है कि पीएम मोदी और राहुल गांधी द्वारा दिया गया भाषण नफरत फैलाने वाला और समाज में दूरियां पैदा करने वाला है।
बीजेपी को नोटिस
राजस्थान की एक रैली में पीएम मोदी ने कांग्रेस पार्टी पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया था। कॉन्सर्ट में कहा गया, कांग्रेस अपनी संपत्ति और अधिकार चिंकारा देवी को दे दे। इसमें कांग्रेस के घोषणापत्र और पूर्व राष्ट्रपति मनमोहन सिंह के 2009 के बयान का खुलासा किया गया, जिसके बाद कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और लेफ्ट इंडिपेंडेंट्स ने चुनाव आयोग को अपनी याचिका सौंपी।
कांग्रेस को नोटिस
रैली के दौरान कांग्रेस नेताओं के नफरत भरे भाषण के मामले में चुनाव आयोग ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। राहुल गांधी ने 12 अप्रैल को केरल में एक रैली के दौरान कहा था कि 77 फीसदी संपत्ति पर सिर्फ 22 लोगों का कब्जा है। देश में गरीबी बढ़ती है, लेकिन उनकी सरकार आएगी तो गरीबी खत्म कर देंगे। इसके बाद बीजेपी ने नीति आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए इस दावे को झूठा बताया था और इस मामले पर चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराने की बात कही थी।
चुनाव आयोग अधिसूचना
चुनाव आयोग का कहना है कि राजनीतिक उपदेशकों को अपने प्रचारकों द्वारा दिए गए भाषणों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। चुनाव आयोग ने कहा, 'राजनीतिक विचारधारा को अपने जियो के काम की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। शीर्ष पर बैठे लोगों की वाणी का प्रभाव अधिक होता है। आदर्श आचार संहिता के लिए सामुदायिक अधिनियम 1951 लागू किया गया है, जिसका सभी लोग पालन करते हैं।
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