BSP चीफ मायावती का बड़ा फैसला 'एकला चलो' प्लान, जानें किसका बिगाड़ेंगी काम?
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि उनकी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी. उन्होंने कहा कि बीएसपी देश में लोकसभा का आमचुनाव अकेले अपने बलबूते पर पूरी तैयारी और दमदारी के साथ लड़ रही हैं. उन्होंने तीसरा मोर्चा बनाने की अटकलों को अफवाह और घोर फर्जी खबर बताई है.
मायावती का जन्म 15 जनवरी, 1956 को सुचेता कृपलानी अस्पताल, नई दिल्ली में जाटव जाति के एक दलित परिवार में हुआ था. उनके पिता प्रभु दास बादलपुर, गौतम बुद्ध नगर में डाकघर के कर्मचारी थे . मायावती ने 1975 में दिल्ली विश्वविद्यालय के कालिंदी कॉलेज से बी.ए. किया. उन्होंने 1976 में मेरठ विश्वविद्यालय के वीएमएलजी कॉलेज, गाजियाबाद से बी.एड पूरा किया और फिर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित विधि संकाय से साल 1983 में एलएलबी की डिग्री प्राप्त की.
मायावती पहली बार 1994 में राज्यसभा के लिए चुनी गईं. वह बहुजन समाज पार्टी से संबंधित हैं, जो बहुजनों के लिए सामाजिक परिवर्तन के एक मंच पर केंद्रित है, जिसे आमतौर पर अन्य पिछड़ी जातियों, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के साथ-साथ इन जातियों से परिवर्तित अल्पसंख्यकों के रूप में जाना जाता है. साल 1995 में, वह एक अल्पकालिक गठबंधन सरकार में अपनी पार्टी की प्रमुख और मुख्यमंत्री बनीं. वह उस वक्त तक उत्तर प्रदेश राज्य के इतिहास में सबसे कम उम्र की मुख्यमंत्री थीं और भारत में पहली महिला दलित सीएम थीं. पूरे भारत में लाखों दलित उन्हें एक आदर्श के रूप में देखते हैं और प्यार से उन्हें बहनजी कहते हैं. उनका ऑफिशियल ट्विटर हैंडल @Mayawati है।
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि उनकी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी. उन्होंने कहा कि बीएसपी देश में लोकसभा का आमचुनाव अकेले अपने बलबूते पर पूरी तैयारी और दमदारी के साथ लड़ रही हैं. उन्होंने तीसरा मोर्चा बनाने की अटकलों को अफवाह और घोर फर्जी खबर बताई है.
मायावती ने कहा, “खासकर यूपी में बीएसपी की काफी मजबूती के साथ अकेले चुनाव लड़ने के कारण विरोधी लोग काफी बैचेन लगते हैं. इसीलिए ये आए दिन किस्म-किस्म की अफवाहें फैलाकर लोगों को गुमराह करने का प्रयास करते रहते हैं. किन्तु बहुजन समाज के हित में बीएसपी का अकेले चुनाव लड़ने का फैसला अटल.”
बहुजन समाज पार्टी की चीफ मायावती पहले ही स्पष्ट कर चुकी हैं कि वह लोकसभा चुनाव में किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करेंगी. अटकलें थीं कि कांग्रेस पार्टी मायावती को इंडिया गठबंधन में शामिल करने के लिए मना सकती है और देश में चर्चा थी कि कांग्रेस पार्टी मायावती को प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवार भी घोषित कर सकती थी
2019 में मायावती की पार्टी को मिली थी 10 सीटें
बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि उनकी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव अकेले दम पर लड़ेगी. उन्होंने कहा कि बीएसपी देश में लोकसभा का आमचुनाव अकेले अपने बलबूते पर पूरी तैयारी और दमदारी के साथ लड़ रही है. उन्होंने तीसरा मोर्चा बनाने की अटकलों को अफवाह और घोर फर्जी खबर बताई है. बीते लोकसभा चुनाव में बीएसपी ने 22 फीसदी वोट हासिल की थी. पार्टी ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में 38 सीटों पर चुनाव लड़ा था.
पिछले लोकसभा 2019 के चुनाव में बीएसपी ने 22 फ़ीसदी वोट हासिल की थी और यह कहा जाता है कि पूरे देश में लगभग 50 लोकसभा की ऐसी सीटें हैं जहां पर बीएसपी सुप्रीमो मायावती का असर रहता है अब आने वाले वक्त में यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि अकेले लड़ने का फैसला बीएसपी के द्वारा लेने के बाद देश में राजनीतिक समीकरण क्या होते हैं वहीं सूत्रों द्वारा जानकारी मिली है कि इंडिया एलायंस लगातार प्रयास कर रही थी कि मायावती उनके साथ आ जाएं जिससे दलित वोट बैंक उनके साथ जुड़ जाए और मोर्चा मजबूत हो जाए लेकिन आज के फैसले के बाद देश की राजनीति बदल चुकी है जल्द राजनीति से जुड़ी हुई बड़ी खबरें और आ सकती है इसमें महत्वपूर्ण बात यह होगा कि कई बड़े नेताओं की या तो लोकसभा लड़ने के क्षेत्र में बदलाव किया जाएगा या उनका टिकट काट दिया जाएगा बीजेपी पार्टी इस रास्ते पर चल चुकी है अभी उनके कई नेताओं के टिकट कटने वाले हैं।
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