Arvind Kejriwal Bail: क्या CM अरविंद केजरीवाल को बेल मिलेगी या नहीं? सुप्रीम कोर्ट कब सुनाएगा फैसला

आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो शुक्रवार को इस मामले में फैसला सुना सकते हैं.

May 8, 2024 - 22:19
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Arvind Kejriwal Bail: क्या CM अरविंद केजरीवाल को बेल मिलेगी या नहीं? सुप्रीम कोर्ट कब सुनाएगा फैसला

दिल्ली एक्साइज मामले में तिहाड़ जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलेगी या नहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाया। आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल के अंतरिम समर्थकों को शुक्रवार को आदेश दिया जा सकता है. आज यानी बुधवार की कार्रवाई के बाद बेंच की ओर से खुलासे के वक्त जस्टिस संजीव खन्ना ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वकील से कहा कि वह शुक्रवार को मामले पर आदेश दे सकते हैं.

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दास की पीठ के समक्ष अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानतदारों को लेकर सुनवाई हो रही है। इस मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर वह स्ट्राइक को आधी रात को चुनाव में प्रचार करने के लिए जमानत देता है तो वह इस दौरान अपने दफ्तर न जाएं. इस पर अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दिल्ली सीएम के मित्र से कहा था कि वह इस दौरान दोबारा नहीं मिलेंगे.

फ्रांसिस्को के वकील ने कहा था- सीएम फाइल पर साइन नहीं करेंगे

सिंघवी ने कहा कि वह इस दौरान किसी भी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे. इसके लिए एक शर्त रखी गई, सिंघवी ने कहा कि इस बीच दिल्ली के उपराज्यपाल अनुभाग पर सीएम के हस्ताक्षर नहीं होंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर वह जमानत पर रहते हुए अपनी आधिकारिक वैधता का उल्लंघन करते हैं तो इसका व्यापक असर हो सकता है और हितों के टकराव की स्थिति पैदा हो सकती है.

ईडी वकील ने क्या कहा?

हालाँकि, नामांकित निदेशालय की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चुनाव में प्रचार के लिए अरविंद केजरीवाल को पेश करने में किसी भी तरह की नरमी का विरोध किया। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो ये जज अलग कानून का पालन करेंगे. मेहता ने एक किसान और एक दुकान मालिक का उदाहरण देते हुए कहा कि अगर कोई किसान अपनी फसल की गारंटी मांगेगा तो उसे क्या गारंटी दी जाएगी?

अरविंद केजरीवाल को किस मामले में गिरफ्तार किया गया था?

आम आदमी पार्टी के नेताओं पर दिल्ली शराब नीति के जरिए कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने की मंशा से योजना बनाने का आरोप है. इन नेताओं में मुख्यमंत्री केजरीवाल और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया का नाम शामिल है. इस मामले में 21 मार्च को क्रेजी की हत्या कर दी गई थी.

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