Ant Sauce : इस राज्य के लोग खाते हैं चींटी की चटनी, फायदे इतने कि मिल गया GI टैग
भारत के हर राज्य की कुछ विशेष चीजें हैं। इन्हीं में से कुछ चीजें ऐसी हैं जिनको अब तक GI tag मिल चुका है। लेकिन पिछले दिनों खाने की दो खास चीजों को इस लिस्ट में जोड़ा गया है। ये चीजें ऐसी हैं कि जानकर आपका दिमाग हिल जायेगा। जी हां, आज हम खाने वाली ऐसी ही अनोखी चीजों के बारे में बात करेंगे।
भारत में खान-पान काफी अलग है। हर राज्य और हर शहर की अपनी कुछ खास चीजें हैं। इन्हीं में से कुछ खास चीजों को GI Tag मिला है। हालांकि, भारत की कई चीजों को अब तक जीआई टैग मिल चुका है लेकिन पिछले दिनों दो खास खाने की इन चीजों को इस लिस्ट में जोड़ा गया है। इन चीजों में शामिल हैं चींटी की चटनी और गुजराती खजूर। अब चींटी की चटनी नाम सुनकर तो आप सोच में पड़ गये होंगे।
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आपको लग रहा होगा कि ये कौन लोग हैं जो चींटी की चटनी खाते हैं। तो, आपको बता दें कि चींटी की चटनी सिर्फ खाने में ही स्वादिष्ट नहीं होती बल्कि सेहत के लिए भी इसके कई सारे फायदे हैं। साथ ही हम जानेंगे कि कच्छ के खजूर की ऐसी क्या बात है जिसकी वजह से इसे जीआई टैग मिल गया।
किन राज्यों में खाई जाती है चींटी चटनी
दरअसल, लाल चींटी की यह चटनी भारत के ट्राइबल इलाकों में काफी फेमस है। लेकिन, ओडिशा के मयूरभंज जिले की चींटी की चटनी को जीआई टैग मिला है। इस चटनी को लाल चींटी के अंडे से बनाया जाता है। इसमें चींटियों को लहसुन और हरी मिर्च के साथ पीसा जाता है और इसका स्वाद काफी तीखा होता है।
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चींटी की चटनी की खास बात यह है कि इसमें प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है। साथ ही इसका फॉर्मिक एसिड पेट के लिए खूब फायदेमंद होता है। सिर्फ इतना ही नहीं, इसमें कैल्शियम और जिंक भी होता है जिसका सेवन सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है।
कच्छी खजूर
गुजरात के कच्छी खजूर को जीआई टैग मिला है। इसकी खास बात यह है कि इस खजूर का स्वाद मीठा और मुलायम होता है और यह 1200 रूपये किलो बिकता है। ये काफी कार्ब्स और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स से भरा होता है। साथ ही इसमें फाइबर की अच्छी मात्रा होती है जो कि आपको पेट से जुड़ी कई बीमारियों से बचाती है। इसलिए अगर आपको कभी मौका मिले तो इन दोनों की चीजों का स्वाद जरूर चखें।
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