Loksabha : अफजाल अंसारी के पाला बदलने के बाद ‘हाथी’ को तुरूप के इक्के की तलाश
BSP के अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद अब मायावती अफ़ज़ल अंसारी को पटकनी देने के लिए किस पर जताएंगी भरोसा?
गाजीपुर।अफजाल अंसारी को बसपा ने दोबारा सांसद बनने का मौका दिया, लेकिन अब वह पाला बदलकर सपा में चले गए हैं। सपा ने उन्हें लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी भी घोषित कर दिया है। उनके सपा में जाने के बाद बसपा को यहां हाथी की सवारी के लिए मजबूत महावत की तलाश शुरू हो गई है। हालांकि बसपा से कई लोग टिकट के जुगाड़ में लगे हुए हैं। हाईकमान भी चुनाव जीतने के बाद से दूरी बनने वाले सांसद के खिलाफ मजबूत प्रत्याशी की तलाश कर रहा है।पिछले लोकसभा चुनाव में अफजाल अंसारी बसपा से चुनाव लड़े थे।
सपा-बसपा गठबंधन का भरपूर लाभ उन्हें मिला। जातिगत समीकरण यादव, अल्पसंख्यक और अनुसूचित के वोटों ने उन्हें दोबारा सांसद बनाया। इसके बाद वह बसपा से दूर रहने लगे।विधानसभा चुनाव में उनके दो भतीजे सपा व सुभासपा से विधायक चुने गए। विस चुनाव में उन्होंने कहीं भी बसपा प्रत्याशी के लिए मंच सांझा नहीं किया। बसपा से बढ़ती दूरियों के बीच उनके सपा से चुनाव लड़ने की संभावना प्रबल हो गई थी।इस साल जनवरी में अफजाल की सबसे छोटी बेटी नूरिया अंसारी की शादी में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत पार्टी के कई बड़े चेहरे शामिल हुए थे। यहीं वजह रही कि सोमवार को सपा से उन्हें प्रत्याशी बनाने पर किसी को हैरानी नहीं हुई।
सांसद के सपा में जाने के बाद से बसपा ठगा महसूस कर रही है। क्योंकि बसपा ने जिस उम्मीद के साथ सांसद बनाया वह पूरा नहीं हुआ। अब लोकसभा चुनाव में बसपा मजबूत प्रत्याशी की तलाश शुरू की। इसके लिए कई लोगों ने लखनऊ तक दौड़ लगानी शुरू की है। हालांकि अभी किसी का नाम मजबूती के साथ सामने नहीं आ रहा है। बसपा से चौकाने वाला प्रत्याशी सामने आ सकता है। सांसद अफजाल का सपा में जाना पहले से ही तय था। चुनाव जीतने के बाद से वह बसपा से दूरी बनाए हुए थे। बसपा हाईकमान भी यहां मजबूत प्रत्याशी उतारेगा। बसपा का बड़ा जनाधार इस संसदीय सीट पर है। आने वाले लोकसभा चुनाव में बसपा अपनी ताकत दिखाएगी।
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