Hockey India : मां-बहन ने दूसरों के घर बर्तन धोकर किया गुजारा, बेटी बनी 'Team India' की कप्तान
झारखंड की बेटी को भारतीय महिला हॉकी टीम का कप्तान चुना गया है. कुछ साल पहले तक इस खिलाड़ी के पास पक्का घर भी नहीं था. न ही परिवार के पास अपनी बेटी का मैच देखने के लिए घर में टीवी था.
हॉकी इंडिया ने गुरुवार को 24 सदस्यीय भारतीय महिला टीम की घोषणा कर दी है. जो बेल्जियम और इंग्लैंड में FIH pro League 2023-24 सीजन में भाग लेगी. 22 मई से शुरू होने वाली इस लीग में झारखंड की बेटी सलीमा टेटे महिला हॉकी टीम की कप्तानी करेंगी. इस लीग में झारखंड की तीन और बेटियों को मौका मिला है.
दूसरों के घरों में काम करती थीं मां और बहन
22 साल की सलीमा टेटे का जन्म झारखंड के सिमडेगा जिले के एक छोटे से गांव बड़की छापर में हुआ था. सलीमा के पिता किसानी का काम करते हैं. इसके साथ ही उनके पिता भी स्थानीय हॉकी खिलाड़ी थे. अपने पिता को देखकर सलीमा के मन में हॉकी के प्रति जुनून पैदा हुआ. सलीमा अपने गांव में बांस की खपच्चियों से बनी स्टिक से हॉकी खेलती थी. उनकी मां दूसरों के घरों में खाना बनाती थीं और उनकी बड़ी बहन भी दूसरों के घरों में बर्तन मांजती थीं.
सलीमा टेटे की बड़ी बहन अनिमा भी हॉकी खेलती थीं. लेकिन अपनी छोटी बहनों की खातिर उन्होंने अपना सपना त्याग दिया और दूसरों के घरों में काम करना शुरू कर दिया. अनिमा सिमडेगा से बेंगलुरु तक दूसरों के घरों में बर्तन साफ करती थीं. अनिमा और सलीमा की छोटी बहन महिमा टेटे भी झारखंड की जूनियर महिला हॉकी टीम में खेलती हैं.
सिमडेगा से इंटरनेशनल तक का सफर
साल 2013 में सलीमा टेटे को पहली बार उनके टैलेंट से पहचान मिली. उस समय उनका चयन झारखंड सरकार द्वारा सिमडेगा में संचालित आवासीय हॉकी सेंटर के लिए हुआ था. इसके बाद उन्हें स्टेट टीम में मौका मिला और फिर उन्होंने नेशनल टीम में अपनी जगह बनाई.
2016 में सलीमा को जूनियर भारतीय महिला टीम के लिए चुना गया। यह उनका इंटरनेशनल डेब्यू था. उन्हें कई इंटरनेशनल हॉकी कम्पटीशन में शानदार खेलते हुए देखा गया है. सलीमा टेटे अब तक टोक्यो ओलंपिक, वर्ल्ड कप और कॉमनवेल्थ गेम्स में खेल चुकी हैं.
सलीमा टेटे के साथ-साथ झारखंड से तीन और खिलाड़ियों का चयन हुआ है, उनके नाम हैं निक्की प्रधान, संगीता कुमारी और दीपिका सोरेंग. इन खिलाड़ियों का स्ट्रगल भी कमोबेश एक जैसा ही है.
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