International Women's Day : बेटियों की सुरक्षा सर्वप्रथम हो, तभी बेटियों का सशक्तिकरण संभव

International Women's Day : लखनऊ के बाबासाहब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद् नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित "An Analysis of Effectiveness of BetiBachaoBetiPadhao (BBBP) Programme to Save , Educate and Empower the Girl Child in Uttar Pradesh" विषयक कार्यशाला का आयोजन हुआ।

Mar 9, 2024 - 03:32
Apr 20, 2024 - 02:37
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International Women's Day :  बेटियों की सुरक्षा सर्वप्रथम  हो, तभी बेटियों का सशक्तिकरण संभव

International Women's Day : बाबासाहब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ के शिक्षा शास्त्र विभाग में शोध परिणाम प्रसार के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के तौर पर प्रो विक्टर बाबू , अधिष्ठाता अकादमिक, बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, विशेष अथिति के रूप में प्रो. एम. के. अग्रवाल, अर्थशास्त्र विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय, मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। शिक्षा शास्त्र विभाग के प्रो. राज शरण शाही जी ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यशाला में डॉ सुभाष मिश्रा, (प्रोजेक्ट डिरेक्टर) द्वारा आयोजित की गई जिसमें शोध परियोजना के अन्तर्गत शोध परिणामों को लेकर चर्चा की गई जिसमें उन्होंने बताया कि बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत किए जा रहे सरकारी प्रयासों के संदर्भ में लोगों में जागरूकता आई है। साथ ही बालिकाओं की शिक्षा के संदर्भ में लोगों की सोच में सकारात्मक वृद्धि हुई है।

इस अवसर पर प्रो. विक्टर बाबू ,अधिष्ठाता अकादमिक बीबीएयू विश्वविद्यालय ने इस योजना के संदर्भ में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बेटियों की सुरक्षा सर्वप्रथम है। यह बात इस योजना की प्रथम पंक्ति स्वयं बयां करती है उनके अनुसार बेटियों की सुरक्षा के बाद ही बेटियों का सशक्तिकरण संभव होगा।

स्त्रियों की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण

मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर एम.के. अग्रवाल, अर्थशास्त्र विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय ने कहा कि मोदी सरकार बालिकाओं के लिए बहुत प्रयास कर रही है‌। जिसमें "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" योजना बालिकाओं के सशक्तिकरण के लिए एक अच्छी योजना साबित हो रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस तरह के शोध कार्य समाज में सरकार की योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं। दीर्घकालीन शोध इस योजना के प्रभाव के लिए आवश्यक है। प्रोफेसर राम चंद्रा ने बताया कि शिक्षा को महत्वपूर्ण बनाने के लिए विज्ञान, इतिहास, समाजशास्त्र को एक साथ आना होगा। सतत विकास की प्रक्रिया में शिक्षा महत्वपूर्ण है। स्त्रियों की भागीदारी समाज में अत्यंत महत्वपूर्ण है।

पुरुषों की सहभागिता भी जरूरी

कार्यक्रम की मुख्य वक्ता डॉ मनोरमा सिंह, सीनियर रीजनल डायरेक्टर, रीजनल सेंटर, लखनऊ, इग्नू ने "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" योजना के संदर्भ में बताया कि यह योजना सरकार की बालिकाओं के लिए सबसे अच्छी योजना है तथा समाज के निर्माण में बेटियों की भागदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है और महिलाओं के उत्थान हेतु पुरुषों की सहभागिता भी अत्यंत आवश्यक है। कार्यशाला के विशिष्ट वक्ता प्रो. जयशंकर पांडेय, समाज शास्त्र विभाग, बी.एस.एन.वी.पी.जी. कॉलेज लखनऊ ने इस योजना के संदर्भ में अपने विचार प्रकट किए और कहा कि बालकों का पंचकोशीय विकास अत्यंत आवश्यक है। जो सिर्फ मां के द्वारा ही संभव है और यह आवश्यक है कि महिलाओं की शिक्षा एवं उनकी प्रगति पर विशेष ध्यान दिया जाए।

स्किल में पारंगत होना आवश्यक

इस कार्यशाला के समापन सत्र में प्रोफेसर मनीष कुमार वर्मा, डीन, अंबेडकर स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज ने अपने उद्बोधन में "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" योजना के संदर्भ में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि महिला एवं पुरुष एक दूसरे के पूरक हैं। यह योजना समाज में महिलाओं की सुरक्षा एवं सशक्तिकरण को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है। प्रो. शिशिर कुमार, डायरेक्टर रिसर्च एंड डेवलपमेंट बीबीएयू ने अपने उद्बोधन में कहा कि बेटियों की शिक्षा आवश्यक है, उनका स्किल डेवलपमेंट किया जाए। साथ ही शिक्षा के साथ-साथ स्किल में पारंगत होना आज के समय की मांग भी हो चुकी है।

प्रो. शिल्पी वर्मा ने विभाग को रिसर्च प्रोजेक्ट्स प्राप्त करने पर बधाई देते हुए बालिकाओं को सशक्त व सबल बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया और कार्यशाला में विचार मंथन किया गया व हित धारकों के द्वारा दिए गए फीडबैक पर विमर्श हुआ।हित धारकों से सुझाव प्राप्त किया गया जिसमें उन्होंने अपना सुझाव दिया और बताया कि यह योजना सरकार की बालिकाओं के लिए सबसे अच्छी योजना है। इस योजना के संदर्भ में डॉ० रूबी राज सिन्हा प्रेसिडेंट, बैदही वेलफेयर फाउंडेशन ने बेटियों की शिक्षा पर अपने विचार प्रकट किए। बेटियों के सार्वभौमिक विकास हेतु महिलाओं की शिक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है जो अपने जीवन के विभिन्न आयामों में आत्मनिर्भर हो सकेगी।

हितधारकों को सम्मान

मिस रेखा बोरा, लेखिका एवं सामाजिक कार्यकर्ता ने बेटियों के सम्मान में कविता का पाठन किया जो बालिकाओं की शिक्षा एवं उनके विकास को समर्पित है। श्रीमती सुमन रावत, प्रेसिडेंट पॉवर विंग्स फाउंडेशन ने बालिकाओं के सेल्फ डिफेन्स में सक्षम होने के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में इग्नू से डॉक्टर कीर्ति विक्रम सिंह तथा विश्वविद्यालय के अन्य विभागों से प्रो.ओ.पी.बी. शुक्ल, प्रोफेसर संगीता सक्सेना, प्रोफेसर एम अल मीना, डॉक्टर रवि शंकर वर्मा, डॉक्टर अर्पित शैलेश, डॉक्टर बलजीत, डॉक्टर विवेक नाथ त्रिपाठी, डॉक्टर लालिमा, डॉक्टर शिखा तिवारी, डॉक्टर मीना वी रक्शे, डॉक्टर बिजेंद्र आदि की गरिमामई उपस्थति रही। इसके साथ ही कार्यशाला में उपस्थित लगभग 300 प्रतिभागियों समेत मौजूद सभी हितधारकों को सम्मान प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया।

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